राजेश और रेनू एक ही कंपनी में इंजीनियर के पद पर काम करते थे | कंपनी में ही इनकी आपस में
मुलाकात हुई | समान अच्छे स्वभाव के कारण जल्द ही वे एक दूसरे की ओर आकर्षित हो गए
| ऑफिस की दोस्ती प्यार में बदल गई | मोबाइल पर घंटों न खत्म होने वाला बातचीत का सिलसिला
शुरू हो गया | दोनों अलग-अलग जातियों से संबंध रखते थे | घरवाले इस विवाह के लिए सहमत
नहीं थे | बहुत मुश्किल से विवाह की नाम मात्र की औपचारिक सहमति प्राप्त करके उन्होंने
विवाह कर लिया था |
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शादी से पहले उन्हें एक दूसरे में केवल गुण
ही दिखाई
देते थे | लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही छोटी मोटी बातों पर विचारों में मतभेद
होने लगे थे | प्रायः आपस में बहस होने के कारण कुछ दिन के लिए आपस में बातचीत बंद
हो जाती थी | दो दिन पहले आपस में बहस होने के कारण दोनों की बातचीत बंद चल रही थी
| आज राजेश और रेनू की शादी की सालगिरह थी
| दोनों में से किसी ने भी एक दूसरे को शादी की सालगिरह की मुबारकबाद नहीं दी |
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राजेश तैयार होने के बाद बिना कुछ बताए बाहर चला गया | कुछ देर के बाद जब
राजेश वापस आया उसके हाथ में एक गुलदस्ता, केक और खाने-पीने का सामान था | रेनू ने
एक मुस्कान के साथ राजेश का स्वागत किया | लेकिन राजेश ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं
की | राजेश कुछ परेशान सा लग रहा था | राजेश के इस व्यवहार पर रेनू को गुस्सा आ रहा
था | गुस्से के कारण रेनू रसोई में जाकर व्यस्त हो गई |
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राजेश एक बार फिर घर से बाहर चला गया था | कुछ ही देर बाद घर की घंटी बजी | रेनू ने जाकर दरवाजा खोला | अपने सामने दो पुलिस वालों को देखकर रेनू परेशान हो गई | पुलिस वाले ने रेनू से पूछा क्या राजेश यही रहता है | रेनू ने बताया कि वह मेरे पति हैं | एक पुलिस वाले ने बताया कि राजेश का सड़क पर एक्सीडेंट हो गया था | उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई | उन्होंने बताया कि मृतक के पर्स में से मिले कुछ दस्तावेजों में दिए गए पते से वह यहां तक पहुंचे हैं | रेनू को विवाह की सालगिरह के दिन ऐसे हमेशा के लिए बिछड़ने की खबर मिलने की आशा न थी | यह खबर सुनते ही रेनू की आंखों से अविरल आंसुओं की धारा बहने लगी |
राजेश एक बार फिर घर से बाहर चला गया था | कुछ ही देर बाद घर की घंटी बजी | रेनू ने जाकर दरवाजा खोला | अपने सामने दो पुलिस वालों को देखकर रेनू परेशान हो गई | पुलिस वाले ने रेनू से पूछा क्या राजेश यही रहता है | रेनू ने बताया कि वह मेरे पति हैं | एक पुलिस वाले ने बताया कि राजेश का सड़क पर एक्सीडेंट हो गया था | उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई | उन्होंने बताया कि मृतक के पर्स में से मिले कुछ दस्तावेजों में दिए गए पते से वह यहां तक पहुंचे हैं | रेनू को विवाह की सालगिरह के दिन ऐसे हमेशा के लिए बिछड़ने की खबर मिलने की आशा न थी | यह खबर सुनते ही रेनू की आंखों से अविरल आंसुओं की धारा बहने लगी |
एक पुलिस वाला एक्सीडेंट के बारे में कुछ बता
रहा था | लेकिन रेनू को मन में चल रहे विचारों के कारण कुछ भी न तो सुनाई नहीं दे रहा था और न ही समझ आ
रहा था | आंसुओं से भीगी आंखों से रेनू को ऐसे लगा कि सामने राजेश आ गया है | राजेश
की आवाज सुनकर वह चौंक उठी | उसके सामने सचमुच राजेश खड़ा था | वह उससे रोते हुए लिपट
गई | राजेश ने पुलिस वालों से घर में आने का कारण पूछा | पुलिस वालों ने राजेश को एक्सीडेंट
वाली सारी बात बता दी | तब राजेश ने बताया कि वह जब केक गुलदस्ता लेकर आ रहा था तो
उसका पर्स किसी पाकेटमार ने निकाल लिया था | इसीलिए वह कुछ और सामान लेने के लिए पैसे
लेने ही घर आया था | राजेश का सही सलामत घर में आ जाना ही रेनू के लिए शादी की सालगिरह
का सबसे बड़ा तोहफा था |
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पति पत्नी के रिश्तों की मधुरता ही परिवार
के आधार को मजबूती प्रदान करती है | पति पत्नी के सात जन्मों के संबंध का आधार आपसी विश्वास होता है | रिश्तो में अपनेपन
का सदैव अहसास कराते रहना चाहिए |
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