जनवरी का महीना था | सर्दी अधिक होने के कारण
धूप में बैठना सुखद लग रहा था | ओम प्रकाश जी एक मृदुभाषी स्वभाव के सज्जन व्यक्ति
थे | इसलिए पड़ौसी उनका आदर करते थे | ओम प्रकाश जी घर के बाहर बैठ कर धूप का आनंद ले
रहे थे | तीन चार पड़ौसी भी उनके पास ही आकर
बैठ गए और धूप का आनंद लेने लगे |
ओम प्रकाश जी के साथ वाले नवनिर्मित मकान को देखने
के लिए कुछ लोग आए | मकान को देखने के बाद वह ओम प्रकाश जी के पास आ गए | और उनसे कुछ
जानकारी लेने लगे | इस क्षेत्र में किसी प्रकार की असुविधा तो नहीं इस बारे में उन्होंने
जानकारी मांगी तथा नवनिर्मित मकान कैसा बना है उसके बारे में भी कुछ पूछताछ की | अंत
में उन्होंने पूछा कि यहां के पड़ोसी कैसे हैं | ओम प्रकाश जी ने उत्तर देने के स्थान
पर उनसे ही प्रश्न किया कि आप जहां पर रह रहे हैं वहां पर आपके पड़ोसी कैसे हैं | उन्होंने
उत्तर दिया कि वहां के पड़ोसी बहुत ही अच्छे स्वभाव के हैं | हमारा तो वहां से मकान
छोड़कर आने का दिल ही नहीं कर रहा लेकिन मकान
छोटा होने के कारण बड़े मकान में शिफ्ट करना हमारे लिए जरूरी हो गया है | ओम प्रकाश
जी ने कहा आप इस बात की तनिक भी चिंता न करें | यहां के लोग भी बहुत प्रेम प्यार से
रहने वाले सज्जन स्वभाव के लोग हैं | वह लोग धन्यवाद करके विदा हो गए |
कुछ ही देर बाद कुछ दूसरे लोग उसी मकान को
खरीदने के इरादे से देखने आए | उन्होंने भी मकान का अच्छी प्रकार से अंदर बाहर से निरीक्षण
किया | उसके बाद वह भी ओम प्रकाश जी के पास ही आ गए और उनसे लगभग वही जानकारी मांगने
लगे | सारी जानकारी लेने के बाद उन्होंने भी वही सवाल पूछ लिया कि यहां के पड़ोसी कैसे
हैं | ओम प्रकाश जी ने पहले की ही तरह उनसे ही प्रश्न किया कि आप वर्तमान में जहां
पर रह रहे हैं वहां पर आपके पड़ोसी कैसे हैं
| उन्होंने उत्तर दिया कि उनके पड़ोसी बुरे स्वभाव के हैं | वह वहां पर रोज के लड़ाई झगड़ों के कारण दुखी हो गए थे | इसीलिए वह जगह छोड़ने का इरादा किया
है | तब ओमप्रकाश जी ने बताया कि यहां के लोग भी उतने ही लड़ने वाले स्वभाव के हैं
| मैं तो स्वयं यहां से दुखी होकर यहां से जाने का विचार कर रहा हूं | इन लोगों ने
पहले वाले लोगों की तरह धन्यवाद करने की कोई आवश्यकता नहीं समझी और विदा हो गए |
यह सब देख सुन रहे पड़ोसियों को अत्यंत आश्चर्य
जनक लगा | ओम प्रकाश जी जैसे सज्जन पुरुष ने अलग अलग लोगों को अलग-अलग विपरीत जानकारी
क्यों दी | उन्होंने ओमप्रकाश जी से इसका कारण पूछा | ओम प्रकाश जी ने स्पष्ट किया
कि पहले आने वाले लोग स्वयं ही सकारात्मक सोच वाले अच्छे स्वभाव के लोग थे | इसलिये
उन्हें अपने सब पड़ोसी अच्छे लगते थे | और वह
सब के साथ प्रेम पूर्वक रहते थे | उनसे ऐसी आशा की जा सकती है यदि वह यहां पर आते हैं
तो वह यहां पर भी प्रेम पूर्वक ही रहेंगे | लेकिन दूसरे लोग नकारात्मक सोच और बुरे
स्वभाव के थे | इसीलिए उन्हें अपने पड़ोसी भी बुरे लगते थे और वह उनसे रोज लड़ते झगड़ते
रहते थे | ऐसी संभावना है कि यदि
वह यहां पर शिफ्ट होकर आते तो वह यहां पर भी लड़ाई झगड़े ही करते रहे | यह सब
सुनने के बाद सबको ओम प्रकाश जी की सोच ही सार्थक सोच लगी |
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